बाजार में गिरावट क्यों आई?
2025 की पहली छमाही शेयर बाजार के लिए कुछ खास अच्छी नहीं रही।
Nifty 50 ने अप्रैल से जून 2025 के बीच लगभग 3.6% की गिरावट दर्ज की। इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और वैश्विक फैक्टर थे:
- अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने की आशंका: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें और सख्त किए जाने के संकेत से वैश्विक बाजारों में चिंता फैली।
- FIIs (Foreign Institutional Investors) की बिकवाली: विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटी से पैसे निकाले जिससे बाजार पर दबाव पड़ा।
- मिडल ईस्ट में तनाव: ईरान और इज़राइल के बीच तनाव ने वैश्विक अस्थिरता को बढ़ाया।
- कच्चे तेल की कीमतों में उछाल: ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर के पार चला गया, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का दबाव बढ़ा।
गिरावट के बीच बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टर्स
हर गिरावट में भी कुछ सेक्टर ऐसे होते हैं जो बाजार के मुकाबले ज्यादा मजबूत रहते हैं।
इस बार भी FMCG, Pharma, Infra, और आंशिक रूप से IT सेक्टर ने बेहतर प्रदर्शन किया।
1. FMCG (Fast Moving Consumer Goods)
जब भी बाजार में अनिश्चितता होती है, FMCG सेक्टर डिफेंसिव प्ले बनकर उभरता है।
2025 की शुरुआत में ग्रामीण मांग में सुधार और इनपुट लागत घटने से इस सेक्टर को सहारा मिला।
- HUL, ITC, और Nestle जैसी कंपनियों ने मजबूत क्यू1 रिजल्ट्स दिखाए।
- महंगाई घटने से मुनाफा मार्जिन में सुधार हुआ।
डेटा:
Nifty FMCG Index ने जून 2025 में 1.2% की बढ़त दर्ज की, जबकि बाकी सेक्टर गिरावट में रहे।
2. Pharma & Healthcare
Pharma सेक्टर हमेशा से market correction के समय पर investors का safe haven रहा है।
- अमेरिका और यूरोप से निर्यात में तेजी
- Generic दवाओं की मांग बनी रही
- Sun Pharma, Cipla, और Dr. Reddy’s जैसे स्टॉक्स ने अच्छी रिकवरी की
डेटा:
Nifty Pharma Index ने जून 2025 तक 2.7% की ग्रोथ दिखाई।
3. Infrastructure & Capital Goods
सरकार की PM Gati Shakti योजना, रेलवे और रोड प्रोजेक्ट्स पर फोकस और निजी निवेश बढ़ने से इस सेक्टर ने बाजार से बेहतर परफॉर्म किया।
- L&T, Adani Ports, और IRB Infra जैसे स्टॉक्स में तेजी देखी गई।
- कई नई परियोजनाएं टेंडर हुईं, जिससे सेक्टर में ऑर्डर बुक बढ़ी।
डेटा:
Nifty Infra Index अप्रैल से जून तक 3.4% ऊपर रहा।
4. IT Sector
हालांकि IT सेक्टर की शुरुआत कमजोर रही, लेकिन जून में डॉलर में मजबूती और ऑटोमेशन की बढ़ती डिमांड ने कुछ राहत दी।
- Infosys, TCS और HCL Tech के Q1 रिजल्ट्स स्थिर रहे
- BFSI क्लाइंट्स से नई डील्स मिलने लगी हैं
किन सेक्टर्स में गिरावट ज्यादा रही?
1. Banking & Finance
- ब्याज दरों की अनिश्चितता और NPA बढ़ने के डर से दबाव में रहा।
- PSU Banks में सबसे ज्यादा गिरावट।
2. Auto Sector
- EV कंपनियों को छोड़कर बाकी कैटेगरी में स्लोडाउन
- Cost inflation और रजिस्ट्रेशन डेटा में कमी
3. Real Estate
- महंगे ब्याज दर और चुनावी अनिश्चितता से प्रॉपर्टी डिमांड में गिरावट
- Tier 1 शहरों को छोड़कर बाकी बाजारों में ठहराव
स्टार्टअप्स: चुनौतियों के बीच उम्मीद की किरण
हालांकि 2024 में स्टार्टअप फंडिंग में गिरावट आई थी, लेकिन 2025 में कुछ सेगमेंट में पॉजिटिव ट्रेंड दिख रहा है:
- Zetwerk ने ₹700 करोड़ का नया फंडिंग राउंड क्लोज किया
- Zepto, Porter, और Pixxel जैसे स्टार्टअप्स ग्रीन एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और स्पेसटेक में फोकस कर रहे हैं
- सरकार की Startup India 2.0 नीति ने early-stage फाउंडर्स को राहत दी
अंतरराष्ट्रीय फाइनेंस अपडेट
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में इस समय अस्थिरता बनी हुई है। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों में कटौती को लेकर अनिश्चितता बरकरार है, जिससे डॉलर मजबूत बना हुआ है और वैश्विक निवेशक सतर्क हैं। इसी के साथ मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनावों के कारण कच्चे तेल की कीमतें 83 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गई हैं, जिससे भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर महंगाई का दबाव बढ़ सकता है।
चीन की कमजोर GDP और यूरोपीय बाजारों की सुस्त चाल से ग्लोबल ग्रोथ की चिंताएं बढ़ रही हैं। वहीं, सुरक्षित निवेश विकल्पों के रूप में सोना और बिटकॉइन जैसे एसेट्स में दिलचस्पी बढ़ रही है। इन वैश्विक बदलावों का असर भारतीय बाजारों पर भी दिख रहा है – खासकर FII मूवमेंट और रूपये की चाल में। ऐसे में सेक्टर चयन और लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण बेहद महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
Wealth Update: राधाकिशन दमानी की Net Worth में बढ़ोतरी
DMart के संस्थापक और दिग्गज निवेशक राधाकिशन दमानी की नेट वर्थ में हाल के दिनों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, जून 2025 तक उनकी कुल संपत्ति ₹1.80 लाख करोड़ से भी अधिक पहुंच गई है।
इस बढ़त के पीछे Avenue Supermarts (DMart) के शेयरों में हुई मजबूती का अहम रोल रहा है, जिसने बीते तीन महीनों में 15% से ज्यादा रिटर्न दिया है। इसके अलावा दमानी का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो भी तेजी से ग्रो कर रहा है, जिसमें FMCG, होटल और रिटेल सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं।
दमानी की यह फाइनेंशियल ग्रोथ भारत के रिटेल सेक्टर में उपभोक्ता विश्वास की वापसी और मजबूत फंडामेंटल्स को दर्शाती है। निवेशकों के लिए यह संकेत है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट रणनीति और सेक्टरल समझ कितनी अहम होती है।
निष्कर्ष
Nifty 50 में गिरावट के बावजूद FMCG, Pharma और Infra जैसे सेक्टर्स ने बेहतर प्रदर्शन कर यह साबित कर दिया है कि सही समय पर सही सेक्टर में निवेश करना ही असली रणनीति है। साथ ही, स्टार्टअप सेक्टर में रिवाइवल, और दिग्गज निवेशकों की बढ़ती नेट वर्थ, यह दर्शाती है कि गिरावट के दौर में भी अवसर छिपे होते हैं।
एक समझदार निवेशक के लिए अब जरूरी है कि वह घबराने के बजाय सेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित करे, और लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़े।
क्या अभी बाजार में निवेश करना सही रहेगा?
बाजार वोलैटाइल है, इसलिए SIP या सेक्टर फोकस्ड फंड्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
सबसे मजबूत सेक्टर फिलहाल कौन-से हैं?
FMCG, Pharma और Infra सेक्टर ने गिरावट के बावजूद अच्छा प्रदर्शन किया है।
स्टार्टअप में निवेश कैसा रहेगा?
लॉन्ग टर्म के लिए, ग्रीन एनर्जी और SaaS स्टार्टअप्स बेहतर संभावनाएं दिखा रहे हैं।
क्या दमानी की नेट वर्थ में बढ़ोतरी बाकी सेक्टर्स को भी दर्शाती है?
हां, यह FMCG और रिटेल सेक्टर की मजबूती को दिखाती है।